Kulgeet

कॉलेज कुलगीत


सच हुए सपने मेरे, दूर अशिक्षा के अंधेरे …………..

इन्द्रपुरी के स्वप्निल गाँव में , कल कल सोन बहती है,

सोन किनारे अमलतास में देवी शिक्षा की रहती है,

किया समर्पण जिस जिस ने भी उसने पाए फल घनेरे

सच हुए सपने …………………………….

गुरु-शिष्य की परंपरा है, भारत की पहचान,

बड़े बड़े गुरुओं ने बढाया संसृति का सम्मान,

टूटे नहीं कड़ी यह जुडती, बढती जाये श्रृंखला,

खिले सरोज से और बनी रहे ईश्वर की यह लीला,

अमलतास के गुरुजनों के अरमान हो सब पूरे

सच हुए सपने …………………………….

शिक्षा के सुदृढ़ पंखों की सबको मिली सौगात,

ऊँचे ऊँचे पेग बढाकर छूने लगे आकाश,

राष्ट्रीयता का समानता का फैलाया सन्देश,

अलख जगाकर विद्वानों ने पूरा किया उद्देश्य

विद्या ददाति विनियम …………………. 3

अमलतास कॉलेज की वाणी फैली देश विदेश …………3

सच हुए सपने मेरे , दूर अशिक्षा के अंधरे ………….. 2

सच हुए सपने …. 3, मेरे

गीतकार : श्रीमती सुधा गोयल (नवीन)

संगीतकार : डॉ. रीना सहाय

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